हमराज़ है,साया है,अक्स है हर तरह दिखाता सही राह वोही मेरे मन को ! हमराज़ है,साया है,अक्स है हर तरह दिखाता सही राह वोही मेरे मन को !
कुछ ख्वाहिशें दबी हुई थी दिल के किसी कोने में, बाहर न निकल पाई थी। कुछ ख्वाहिशें दबी हुई थी दिल के किसी कोने में, बाहर न निकल पाई थी।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...
माँ माँ